*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- शुक्ल पक्ष।
*तिथि*- प्रतिपदा (दोपहर 12:24 तक, तत्पश्चात् द्वितीया)।
*नक्षत्र*- उत्तराभाद्रपद (देर-रात 01:16 तक तत्पश्चात् रेवती)।
*राहूकाल*- सुबह 07:44 से सुबह 09:13 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- सूर्य।
*योग*- शुभ (दोपहर 01:25 बजे तक, तत्पश्चात् शुक्ल)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो शीशा देखकर जाएं)
*वार-* सोमवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:47 से दोपहर 12:35 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- रात्रि 06:49 से रात्रि 08:13 तक।
*पंचक*- सुबह 06:12 से 12 मार्च मंगलवार को रात्रि 11:51 तक।
*भद्रा*- ………………..।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………।
*मूल(सत्तइसा*- देर रात्रि 01:16 से 13 मार्च, बुधवार को रात्रि 10:41 तक ।
*मूल का वास*- पाताल में ।
*राहूवास*- उत्तर-पश्चिम में।
*चंद्रवास*- उत्तर में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:12 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:03 पर होगा।
*शिववास*- श्मशान में (मृत्यु तुल्य)।
*व्रत एवं त्योहार*- चंद्र दर्शन और पंचक (पचखा)।
आज का छोटा उपाय
आज शिवजी को मधु और बेलपत्र चढ़ाई
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298