जनपद गोंडा में चुंगी नाका गोदाम स्थित मूर्ति का क्या है रहस्य ।
राजमंगल सिंह
दशहरा का पावन पर्व कहा जाता है असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है दशहरा । पूरे देश में दशहरा धूमधाम के साथ मनाया जाता है शारदीय नवरात्र की 9 दिन के बाद दशहरा के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है और कहा जाता है असत्य पर सत्य की जीत हुई । आज हम आपको एक ऐसे जगह पर मां की प्रतिमा स्थापित होती है जिसका रहस्य है जनपद गोंडा की सबसे पुरानी मूर्ति रखने की परंपरा यही से शुरू हुई आज भी यहां पर बंगाल के तर्ज पर मूर्ति रखी जाती है गोंडा में रहने वाले जितने भी बंगाली समुदाय के लोग हैं सभी लोग यहां पर आते हैं मां भगवती की आराधना भी करते हैं और कहां जाता है जनपद में सबसे पहले यही से मूर्ति भी उठाती है यह मूर्ति यहां से उठकर जाती है रामलीला मैदान में मैदान में पहुंचने के बाद भगवान राम मां भगवती का दर्शन करते हैं दर्शन के उपरांत ही रावण का दहन होता है । इसलिए इस मूर्ति की अलग ही विशेषता है जनपद में इस स्थान से मा की प्रतिमा कि जब मूर्ति निकलती है तो सभी का सर मां भगवती के आगे झुक जाता है और मां भगवती अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है ।