घाघरा पुल क्षतिग्रस्त, मरम्मत के चलते 20 तक आवाजाही पर रोक

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घाघरा पुल क्षतिग्रस्त, मरम्मत के चलते 20 तक आवाजाही पर रोक

करनैलगंज में वाहनों का लगा लंबा जाम, यात्री परेशान

करनैलगंज में हुजूरपुर मोड़ पर लगा भीषण जाम

गोंडा: गोंडा-लखनऊ हाईवे पर घाघरा घाट स्थित संजय सेतु में आई खराबी के कारण शनिवार सुबह 10 बजे करनैलगंज में भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। मरम्मत कार्य के चलते इस रुट पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर भारी वाहनों के साथ रोडवेज बसों की आवाजाही पर रोक लगा दी, जिससे हुजूरपुर मोड़ सीएचसी तिराहे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। सरयू पुल से बस स्टॉप तक करीब पांच किलोमीटर हाईवे पर सिर्फ वाहन ही नजर आए। लगभग दो घंटे तक जाम में फंसे यात्री, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे, तेज धूप में बेहाल नजर आए। वहीं टैक्सी और ऑटो चालकों ने स्थिति का फायदा उठाते हुए बरगदी, जरवल रोड और लखनऊ जाने के लिए मनमाना किराया वसूला। गोंडा-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित घाघरा घाट पुल पर मरम्मत कार्य के चलते पुलिस ने 17 अप्रैल से 20 अप्रैल 2025 तक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक भारी वाहनों का रूट डायवर्जन किया है। विकल्प के तौर पर लखनऊ जाने के लिए हुजूरपुर मोड़ से कैसरगंज बहराइच होते हुए व करनैलगंज बस स्टॉप से नवाबगंज अयोध्या होते हुए लखनऊ का रुट तय किया है। वहीं लखनऊ से गोंडा/बहराइच की ओर जाने वाले भारी वाहनों को चौपुला बाईपास से होकर सफदरगंज होते हुए अयोध्या की ओर भेजे जा रहे हैं।

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राजधानी जाने के लिए बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर सहित कई जनपदों का है आवागमन

बाराबंकी के रामनगर स्थित संजय सेतु से न केवल गोंडा बल्कि बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती जिले के सैकड़ों वाहन राजधानी लखनऊ की ओर जाते हैं। प्रतिदिन लाखों वाहनों की आवाजाही इस मार्ग से है। पुल पर अत्यधिक दबाव के चलते अक्सर इसके जॉइंटर में तकनीकी खराबी आती रहती है। स्थानीय लोग वर्षों से इस पुल के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं।

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1981 में हुआ था पुल का निर्माण

घाघरा घाट स्थित संजय सेतु का निर्माण वर्ष 1981 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा कराया गया था। कांग्रेस सरकार में इस पुल का निर्माण कराया गया था। और संजय गांधी ने इस पुल का उद्घाटन किया था। इसलिए इसका नाम संजय सेतु पड़ा। पुल पर बढ़ते यातायात दबाव के चलते पुल के जॉइंटर बार-बार क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे यात्रियों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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