Up gonda गोंडा 2001 में हुए नरसंहार का का प्रकरण जहां खत्म हुआ था लेकिन नरसंहार करने वाले खुलेआम घूम रहे थे आज सुबह नोएडा पुलिस ने गुलरिया पुलिस की सहायता से 22 साल पहले हुए घटना के प्रमुख आरोपी का आज एनकाउंटर किया है
गोंडा कहा जाता है कि ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं है। यह कहावत आज एक बार सच साबित हुई है। 22 साल पहले नगर कोतवाली क्षेत्र में हुई एक डकैती और 6 लोगों की हत्या करने वाले शातिर बदमाश को यूपी एसटीएफ ने बुलंदशहर में एक एनकाउंटर में मार गिराया है। शातिर अपराधी ने नगर कोतवाली क्षेत्र के मेवातियान मोहल्ले के रहने वाले रेलवे के कांट्रेक्टर के घर 16-17 अगस्त 2001 की रात को डकैती डाली थी और परिवार के 6 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। मृतकों में दो मासूम बच्चे भी शामिल थे। इस वारदात में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने इस शातिर हत्यारे पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सोमवार को हत्यारे के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर जब पीड़ित परिजनों को मिली तो उनके चेहरे पर संतोष नजर आया।
नगर कोतवाली क्षेत्र के में भतियान मोहल्ले में 17 अगस्त 2001 की रात को सशस्त्र डकैतों ने रेलवे कांट्रेक्टर तारीख सिद्दीकी के घर डकैती डाली थी। इस डकैती में बदमाशों ने उनके पिता समेत शेर लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जबकि 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मृतकों में दो मासूम बच्चे भी शामिल थे। वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश लाखों रुपए की नकदी व जेवर लूट ले गए थे। पीड़ित की तरफ से 10 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ नगर कोतवाली में डकैती व हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले में तत्कालीन कोतवाल हीरा सिंह ने विवेचना कर फिरोजाबाद के रहने वाले शातिर बदमाश साहेब सिंह समेत 10 बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस ने साहब सिंह पर ₹100000 का नगद इनाम घोषित कर रखा था। रविवार की फिरोजाबाद जिले में यूपी एसटीएफ की टीम ने एक एनकाउंटर में बदमाश साहब सिंह को मार गिराया है। शातिर हत्यारे के मारे जाने की खबर सोमवार को जब तारीख के परिजनों को मिली तो उनके परिजनों की निर्मम हत्या की वारदात हादसे की याद एक बार फिर से ताजा हो गई।
V/o:- शातिर बदमाश साहिब सिंह के मारे जाने की खबर पर वह दर्दनाक दृश्य एक बार फिर से तारीख की आंखों के सामने घूम गया तारिक ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि ईश्वर एक दिन न्याय जरूर करेगा और आज न्याय मिला है इस बात की खुशी है। वह इस खौफनाक वारदात में घायल हुई कविता का कहना है की वारदात के वक्त वह महज 4 साल की थी जब हत्यारों ने उसे मरणासन्न कर छोड़ दिया था लेकिन ऊपर वाले की कृपा से हो जिंदा बच गई परिजन तो उसके जिंदा बचने पर भरोसा ही नहीं कर रहे थे लेकिन चाचा के प्रयास से वह आज भी जीवित है हादसे में अपने मां-बाप और छोटे भाई को खोज की रिफा ने कहा कि आज जब उसके परिवार का हत्यारा साहब सिंह मारा गया है तो उसे खुशी मिली है।
बाइट- मो तारिक सिद्दीकी
बाइट- मो रिफा,(घटना के वक्त घायल हुई थी। उस समय उसकी उम्र महज चार साल की थी)
Visuals: