गोंडा क्षत्रिय युवा वाहिनी संगठन ने आज गोंडा शहर के गांधी पार्क में एक विशाल बैठक किया क्षत्रिय पंचायत में लोगों ने सरकार से अपील किया है खाप पंचायत अगर नहीं उठी और निष्पक्ष जांच ना होने दिया अगर दबाव बनाया क्षत्रिय युवा वाहिनी सहित देश के सैकड़ों संगठन क्षत्रिय के एक साथ जंतर मंतर के लिए कूच करेंगे खाप पंचायत के संगठन को चुनौती देते हुए क्षत्रिय युवा वाहिनी के संगठन कार्यकर्ताओं ने कहा की खाप पंचायत ट्रैक्टर लेकर आएगी तो हम यहां से हजारों हजार बुलडोजर लेकर पहुंचेंगे ।संगठन के राष्ट्रीय संयोजक अमित सिंह ने चुनौती देते हुए कहा दिल्ली के आसपास 200 गांव राजपूतों का है अगर वही निकल पड़े तो खाप पंचायत का पता नहीं चलेगा जो धरने पर बैठे खिलाड़ी है पहलवान हैं अब यह लड़ाई किसी के सपोर्ट पर लड़ रहे हैं 12 साल तक इन्होंने शिकायत नहीं किया अब इन्होंने शिकायत किया है यह एक बड़ी साजिश है इस साजिश के पीछे कांग्रेस का पूरा हाथ है पप्पू यादव जैसे लोग धरने में आकर बैठे हैं बिहार का हिस्ट्रीशीटर आदमी आकर बैठ गया है वही किसान नेता टिकैत को डकैत बताया । क्षत्रिय युवा वाहिनी संगठन ने कहा यह बैठक क्षत्रियों का पंचायत आज केवल गोंडा में नहीं हो रहा बल्कि देश के राजस्थान पंजाब हरियाणा गुजरात व गाजियाबाद जैसे कई जगह पर आज बैठक पंचायत चल रही है अगर यह खाप पंचायत वाले नहीं हटे देश विरोधी गतिविधि चलाने वाले लोग, पहलवानों के पास से नहीं हटे तो हम लोग दिल्ली आ रहे हैं दो-दो हाथ करने। वही चेतावनी देते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया
माननीय गृह मंत्री महोदय भारत सरकार
माननीय आपसे निवेदन है कि जंतर मंतर पर बैठे पहलवान को भारतीय संविधान और न्यायालय पर भरोसा रखते हुए एफ आई आर दर्ज होने के बाद पुलिस को निष्पक्ष जांच के लिए 90 दिन का पूर्ण समय देना चाहिए।
जिसमें जाट खाप पंचायत और विपक्ष पूरी तरीके से राजनीति कर रहा है जिससे पुलिस की निष्पक्ष जांच होना संभव नहीं है क्योंकि दिल्ली पुलिस के ऊपर यह लोग अराजकता फैला कर दबाव बनाना चाहते हैं। इन परिस्थितियों में जहां पहलवान जबरदस्ती जंतर मंतर से तमाम देश विरोधी ताकतों के साथ में अराजकता फैला रहे हैं इस लड़ाई को खाप और जाट का पूर्ण रूप दे दिए हैं।
माननीय गृह मंत्रालय एवं भारत सरकार से अपील है उक्त प्रकरण का बिना किसी दबाव के निष्पक्ष जांच कराई जाए और इस प्रकरण में जो भी दोषी हो उसको जरूर सजा दिया जाए।
अन्यथा भारत के समस्त राजपूत समाज को मजबूरन दिल्ली की सड़कों पर उतरना पड़ेगा।