*(20 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- शुक्ल।
*तिथि*- द्वादशी (रात्रि 11:47 तक, तत्पश्चात् त्रयोदशी)।
*नक्षत्र*- पूर्वाफाल्गुनी (दोपहर 03:14 तक तत्पश्चात् उत्तराफाल्गुनी)।
*राहूकाल*- सुबह 08:46 से सुबह 10:23 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शनि।
*योग*- ध्रुव (देर-रात 03:37 बजे तक, तत्पश्चात् व्याघात)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो अदरक खाकर जाएं)
*वार-* शनिवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:34 से दोपहर 12:26 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 06:50 से सुबह 08:39 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- ……………..।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- ………….।
*राहूवास*- पूर्व में।
*चंद्रवास*- पूरब में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:32 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:22 पर होगा।
*शिववास*- कैलाश पर (सुखप्रद)।
*व्रत एवं त्योहार*- वामन द्वादशी।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
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