*(21 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- शुक्ल।
*तिथि*- त्रयोदशी (देररात्रि 01:46 तक, तत्पश्चात् चतुर्दशी)।
*नक्षत्र*- उत्तराफाल्गुनी (सायं 05:46 तक तत्पश्चात् हस्त)।
*राहूकाल*- दोपहर 04:51 से सायं 06:29 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शनि।
*योग*- व्याघात (देर-रात 04:09 बजे तक, तत्पश्चात् हर्षण)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- पश्चिम में (यात्रा जरूरी हो तो पान खाकर जाएं)
*वार-* रविवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:34 से दोपहर 12:26 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 09:01 से सुबह 10:49 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- ……………..।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- दिन रात।
*मूल(सत्तइसा*- ………….।
*राहूवास*- उत्तर में।
*चंद्रवास*- दक्षिण में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:31 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:22 पर होगा।
*शिववास*- बैल पर (अभीष्ट सिद्धि)।
*व्रत एवं त्योहार*- प्रदोष व्रत एवं महावीर जयंती।