कछुओं की नौ प्रजातियों का सरयू नदी करनैलगंज में किया गया विमोचन
गोण्डा घड़ियाल पुनर्वास केंद्र लखनऊ के तत्वावधान में जनपद के करनैलगंज में स्थित सरयू नदी में कछुआ विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी नेहा शर्मा एवं मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने
प्रतिभाग किया। सरयू नदी के पारिस्थितिक संतुलन को मजबूत करना और कछुओं के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना।
विमोचन कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रकार के नौ प्रजातियों के 93 कछुए नदी में छोड़े गए, जिनकी उपस्थिति से नदी की जैव विविधता को संरक्षित रखने एवं पर्यावरण को संतुलित करने में सहायता मिलेगी।
विमोचन कार्यक्रम के दौरान सरयू नदी करनैलगंज में नौ प्रजातियों के 93 कछुए नदी में छोड़ा गया, इसमें भारतीय स्टार टर्टल, पेंटेड टर्टल, स्पॉटेड फ्लैपशेल टर्टल, गंगा साफ्टशेल टर्टल, रेड-ईयर्ड स्लाइडर, और अन्य महत्वपूर्ण प्रजातियो को शामिल किया है। सभी प्रजाति का सरयू नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में अपना-अपना अलग महत्व है। यह प्रजाति गंगा और उसकी सहायक नदियों में आमतौर पर पायी जाती है। ये अपने खाने में मछलियों और छोटे जलीय जीवों को खाकर जल को स्वच्छ रखने में सहायता करती है। कछुए जल पर्यावरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी उपस्थिति नदियों और अन्य जलाशयों के जैविक स्वास्थ्य का संकेत होती है। कछुए नदी में न केवल जल को स्वच्छ रखते हैं, बल्कि अन्य छोटे जलीय जीवों की संख्या को भी नियंत्रित करते हैं। कछुओं का पारिस्थितिकी तंत्र पर गहरा प्रभाव होता है, क्योंकि वे जलाशयों के तल पर उपस्थित पत्तियों, मृत जीवों, और अन्य जैविक तत्वों को खाकर जल को स्वच्छ बनाए रखते हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान नौ प्रकार की प्रजातियों के 93 कछुये सरयू नदी में छोड़े गये। सभी प्रजाति का इस नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में विशेष योगदान होता है। विमोचन कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा तथा मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने कछुओं को नदी में छोड़ा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि कछुओं की उपस्थिति से सरयू नदी के पारिस्थितिक तंत्र को सुदृढ़ किया जा सकेगा। मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने भी कछुआ संरक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी पंकज कुमार शुक्ल, उपजिलाधिकारी करनैलगंज भारत भार्गव, तहसीलदार करनैलगंज मनीष कुमार, एसडीईएओ वन विभाग सुदर्शन, टीएसए की श्रीपर्णा, डॉ. अंकिता, वन विभाग के अशोक कुमार पांडेय सहित संबंधित विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।