गोंडा प्रशासन का सख्त रुख, ग्राम चौहट्टा में चकरोड विवाद का समाधान एक ही दिन में
डीएम नेहा शर्मा की तत्परता से त्वरित कार्रवाई, शिकायतों के शीघ्र निस्तारण में प्रतिबद्धता का प्रभाव
गोंडा, 3 दिसंबर। गोंडा तहसील के ग्राम चौहट्टा में चकरोड से संबंधित एक पुराना विवाद जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से केवल एक दिन में सुलझा लिया गया। यह कार्रवाई जिलाधिकारी नेहा शर्मा के नेतृत्व में हुई, जो हमेशा जनता की समस्याओं के समाधान में तत्पर रहती हैं। सोमवार को जब चौहट्टा के दीनानाथ उपाध्याय ने जिलाधिकारी के जनता दर्शन कार्यक्रम में अपनी शिकायत दर्ज कराई, तो उन्होंने बताया कि चकरोड को लेखपाल द्वारा चिन्हित तो कर दिया गया था, लेकिन उसे खाली नहीं किया जा रहा था। इस कारण उनके दो एकड़ खेत में खड़ा गन्ना प्रभावित हो रहा था। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चकरोड नहीं खाली कराया गया, तो उन्हें भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। तीन घंटे के भीतर ही राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और चकमार्ग की पैमाइश करवाई। इस दौरान अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। शाम तक चकमार्ग की भूमि पूरी तरह से खाली कर ली गई, जिससे पीड़ित किसान को राहत मिली।
जिलाधिकारी ने इस मामले में अपनी सक्रियता और सख्ती का परिचय देते हुए कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता जनता की समस्याओं का शीघ्र समाधान करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस तरह के मामलों में देरी न हो और अतिक्रमण जैसे मुद्दों को तुरंत सुलझाया जाए।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। ग्रामवासियों का कहना था कि प्रशासन ने न केवल उनकी समस्या का समाधान किया, बल्कि यह भी साबित किया कि उनकी शिकायतों पर तत्काल ध्यान दिया जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि जिला प्रशासन जनता की समस्याओं के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह प्रशासन की दक्षता और तत्परता का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसने एक ही दिन में विवाद का समाधान कर दिया।