गोण्डा जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने आज गुरुनानक चौराहे पर ठंड से बचाव हेतु गैस आधारित हीटर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि अब तक इस चौराहे पर ठंड से राहत पाने के लिए अलाव जलाए जाते थे, लेकिन यह नई पहल प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गैस आधारित हीटर का उपयोग करने से जहां एक ओर प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर लकड़ी की बजाय लागत में भी कमी आएगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि यह गैस हीटर एक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, जो न केवल ठंड से राहत प्रदान करेगा, बल्कि हवा में प्रदूषण फैलाने वाले धुएं को भी नियंत्रित करेगा। इससे पहले, लकड़ी और कोयला जलाने से धुआं फैलता था, जिससे हवा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। अब गैस आधारित हीटर की मदद से यह समस्या हल हो जाएगी और वातावरण में प्रदूषण का स्तर कम होगा।
नेहा शर्मा ने यह भी कहा कि इस परियोजना के तहत चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर इस प्रकार के हीटर लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को ठंड से राहत मिले और उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित न हो। इसके अलावा, गैस आधारित हीटर के संचालन से आर्थिक दृष्टि से भी लाभ होगा क्योंकि लकड़ी और कोयले की अपेक्षा गैस की लागत कम होती है, जिससे नगर पालिका पर होने वाला खर्च भी कम होगा।
उन्होंने आगे कहा कि यह कदम ठंड के मौसम में लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। खासकर उन लोगों के लिए जो सर्दी में खुले स्थानों पर समय बिताते हैं, जैसे कि यात्री, श्रमिक और अन्य। इस पहल से उनके लिए एक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण तैयार होगा।
इस मौके पर नगर पालिका के अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की और बताया कि यह केवल एक शुरुआत है, आगामी दिनों में शहर के अन्य प्रमुख स्थानों पर भी इसी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जिलाधिकारी ने इसके सफल क्रियान्वयन की दिशा में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए और इस कदम को अन्य नगरों के लिए एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया।
गैस आधारित हीटर का शुभारंभ पर्यावरण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है और यह निश्चित रूप से शहरवासियों के जीवन में ठंड को लेकर राहत लाएगा।