काशीराम के जन्म दिवस पर जमीन घोटाले की खुली पोल

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झांसी में बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर काशीराम के जन्म दिवस समारोह में पार्टी से निष्कासित पूर्व विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किए गए हंगामे तथा झांसी मंडल के मुख्य प्रभारी पर लगाए गए तमाम आरोपों के मामले को लेकर मुख्य मंडल प्रभारी रामबाबू चिरगैंया ने पलटवार किया है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हंगामा करने वाला रक्सा निवासी धर्मेंद्र अहिरवार लगातार जमीन के मामले को लेकर रंजिश मानता चल रहा है। उन्होंने बताया कि यह प्रकरण उनकी पुश्तैनी जमीन का है। उनकी पुश्तैनी जमीन रक़सा क्षेत्र में स्थित है, जहां प्रवीण अहिरवार नामक व्यक्ति ने उनके पिता से 10,000 वर्ग फीट की जमीन की खरीद का सौदा से किया था, लेकिन बाद में 15,000 स्क्वायर फीट की रजिस्ट्री करा ली गई। 3 साल बाद उसके पिता को 5,000 स्क्वायर फीट की रजिस्ट्री कर जमीन वापस की गई। उन्होंने बताया कि नक्शे के हिसाब से धर्मेंद्र अहिरवार ने प्रवीण से ही वह रजिस्ट्री करा ली और गलत दिशा में मनमाने ढंग से जमीन चिन्हित कर उस पर कब्जा कर लिया। इसकी शिकायत उन्होंने लगातार पुलिस व प्रशासन से की। यहां तक कि उप जिलाधिकारी न्यायालय में उन्होंने मुकदमा भी दायर कर रखा है, जिसकी सुनवाई अभी होनी है। इस बीच धर्मेंद्र द्वारा जबरन उक्त स्थान पर निर्माण करने की कोशिश की गई, जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी और पुलिस ने मौके पर आकर काम

 

मुख्य मंडल प्रभारी ने आरोप लगाया कि लगातार धर्मेंद्र द्वारा अनुशासनहीनता किए जाने पर जिला अध्यक्ष द्वारा उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, जिससे वह बौखला गया और उसने आज पार्टी के संस्थापक काशीराम के जन्म दिवस समारोह में आकर बिना किसी कारण के हंगामा किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी अंदेशा जताया कि धर्मेंद्र अहिरवार से उन्हें तथा उनके परिवार को जानकारी खतरा है, क्योंकि उसके खिलाफ पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से धर्मेंद्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जान माल की सुरक्षा किए जाने की गुहार भी की है।

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