गोंडा में दबंगों की गुंडागर्दी, अयोध्या से आए युवक के साथ मारपीट
गोंडा जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र में एक और दबंगई का मामला सामने आया है, जहां हिस्ट्रीशीटर दिनेश यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर शशांक सिंह नामक युवक की पिटाई की। यह घटना चंदापुर स्थित भूसी लाल पनीर भंडार के पास हुई, जब शशांक सिंह अयोध्या से पनीर का ऑर्डर देने वहां पहुंचे थे। मारपीट की पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि बिना नंबर की एक वेगनर गाड़ी से दिनेश यादव और उसके साथियों ने दुकान पर पहुंचते ही शशांक सिंह के साथ मारपीट शुरू कर दी। गाड़ी से उतरते ही दबंगों ने शशांक को बुरी तरह पीटना शुरू किया, जो कुर्सी पर बैठे थे। मारपीट के बाद, दिनेश यादव और उसके साथी शशांक सिंह को अपनी गाड़ी में जबरन बैठाकर ले गए और रास्ते में भी उनकी पिटाई की। आरोप है कि इस दौरान शशांक की जेब से 5000 रुपये निकाल लिए और उसका मोबाइल फोन तोड़ दिया। इसके बाद, वे फरार हो गए।
पीड़ित शशांक सिंह ने इस घटना की शिकायत वजीरगंज थाने में की है। उन्होंने तहरीर में हिस्ट्रीशीटर दिनेश यादव और उसके अन्य साथियों रिंकू यादव, संदीप यादव, पिंटू यादव और अनिल यादव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। शशांक ने दावा किया है कि यह घटना आपसी विवाद के कारण हुई।
इस मारपीट की घटना का सीसीटीवी फुटेज जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पुलिस के साथ-साथ स्थानीय लोग भी सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वजीरगंज थाना अध्यक्ष ने वायरल वीडियो और तहरीर के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।
घटना की तिथि 14 नवंबर की है, जब शशांक सिंह अयोध्या से पनीर का ऑर्डर देने के लिए भूसी लाल पनीर भंडार पर पहुंचे थे। मारपीट के दौरान, जब दबंग शशांक को गाड़ी में बैठाकर ले जा रहे थे, तो रास्ते में मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तत्परता से दबंगों की गाड़ी का पीछा किया, लेकिन वे एक सुनसान जगह पर शशांक को छोड़कर फरार हो गए।
विज्ञापन के मुताबिक, इस घटना के बाद पुलिस दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कर रही है। वजीरगंज थाना की पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर इस मामले का निवारण किया जाएगा।
यह घटना यह दिखाती है कि गोंडा जिले में दबंगों का खौफ अब भी बरकरार है, और ऐसे मामलों में कानून का डर न होने के कारण लोग इस तरह की हिंसा का शिकार हो रहे हैं।