खबर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से है जहां देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना अटल आवासीय विद्यालय का एक बड़ा मामला सामने आया है गोंडा मनकापुर तहसील स्थित अटल आवासीय विद्यालय पहले से ही विवादों में घिरा रहा है , भोजन व्यवस्था को लेकर अटल आवासीय विद्यालय में भोजन व्यवस्था करने वाली फर्म को सूत्रों की माने तो दो बार नोटिस जा चुकी है। अब एक और बड़ा मामला चौंकाने वाला जो सामने आया है उसमें कहीं ना कहीं श्रम विभाग भी सवालों के घेरे में आ रहा है ।
जिला अधिकारी को एक शिकायत फर्म द्वारा की गई है जिसमें शिकायत किया है की फर्म का अभी 3 साल पूरा नहीं हुआ था इसके बावजूद भी विभाग ने नियमों को तार तार करते हुए टेंडर दे दिया है शिकायतकर्ता के अनुसार फर्म अभी 3 साल पुरानी नहीं है और ना ही 5 साल का अनुभव है ।
जनपद में मनकापुर तहसील अंतर्गत अटल आवासीय विद्यालय में भोजन की अच्छी व्यवस्था संचालित हो इसके लिए जैम पोर्टल से निबदा निकाली गई थी जिसमें 5 वर्ष की अनुभव वाली फर्म या फिर 3 साल पुरानी फर्म को निबदा में सम्मिलित करने का प्रावधान रखा गया था । जिसमें 13/6/2024 में जिस फर्म का तीन वर्ष पूरा हो गया हो ऐसे ही फर्म इस निविदा में प्रतिभाग कर सकेंगे ।
लेकिन जिस फर्म का टेंडर हुआ है जो फर्म सप्लाई कर रही है भोजन व्यवस्था उसे फर्म ने ना तो 5 साल का अनुभव अपलोड किया है और ना ही उसे फर्म को 3 साल पूरा ही हुआ है ऐसे में कैसे यह फर्म को कम मिला यह एक बड़ा सवाल है कहीं ना कहीं श्रम विभाग उच्च अधिकारियों को भी धोखे में रखकर फर्म को काम दे दिए।
वही जब पूरे मामले पर श्रम विभाग के सीनियर ऑफिसर से पूरे प्रकरण पर बात किया गया तो उनका साफ तौर पर कहना था जो भी किया गया है सही किया गया है टेंडर प्रक्रिया में कहीं भी कोई कमी नहीं है कमेटी ने जो फैसला लिया है वही किया गया है ।
वही श्रम विभाग के सीनियर ऑफिसर का यह बयान सुनकर तो साफ जाहिर होता है कहीं ना कहीं कमेटी मैं शामिल उच्च अधिकारियों की जानकारी में तो बिल्कुल भी यह बात नहीं होगी जिस तरह से शिकायतकर्ता ने शिकायत किया है। अगर इसकी शिकायत सत्य है तो निश्चित रूप से उच्च अधिकारियों को इस खेल का पता नहीं होगा की जिसका कागज ही कंप्लीट ना हो उसको काम दे दिया जाए । अगर बात किया जाए सस्ते रेट को लेकर के काम दिया गया है तो निश्चित रूप से जेम पोर्टल मैं नियम है पहले टेक्निकल बीड क्वालीफाई करने के बाद ही फाइनेंशियल उसे फर्म का खोला जाता है अगर टेक्निकल में क्वालीफाई नहीं करती है फर्म तो उसे वहीं पर रिजेक्ट कर दिया जाता है ।