*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- त्रयोदशी (रात्रि 07:34 तक, तत्पश्चात् चतुर्दशी)।
*नक्षत्र*- श्रवण (सुबह 07:50 तक तत्पश्चात् शतभिषा)।
*राहूकाल*- सुबह 10:43 से दोपहर 12:12 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- केतु।
*योग*- शिव (रात्रि 10:48 बजे तक, तत्पश्चात् सिद्ध)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पश्चिम में (यात्रा जरूरी हो तो दही खाकर जाएं)
*वार-* शुक्रवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:48 से दोपहर 12:36 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- रात्रि 10:43 से देर-रात 12:08 तक।
*पंचक*- रात्रि 07:03 से 12 मार्च मंगलवार को रात्रि 11:51 तक।
*भद्रा*- रात्रि 07:34 से अगले दिन सुबह 06:23 तक।
*भद्रा का वास*- मृत्यु।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- सुबह 06:15 से सुबह 07:50 तक।
*मूल(सत्तइसा*- ……………।
*राहूवास*- दक्षिण-पूर्व में।
*चंद्रवास*- दक्षिण में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:15 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:02 पर होगा।
*शिववास*- भोजन में (पीड़ा)।
*व्रत एवं त्योहार*- महाशिवरात्रि एवं प्रदोष व्रत।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
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9918701008