*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- त्रयोदशी (देर-रात 04:36 तक, तत्पश्चात् चतुर्दशी)।
*नक्षत्र*- शतभिषा (दोपहर 12:48 तक तत्पश्चात् पूर्वाभाद्रपद)।
*राहूकाल*- सुबह 08:55 से सुबह 10:29 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- केतु।
*योग*- शुक्ल (देर-रात 12:05 बजे तक, तत्पश्चात् ब्रंह)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो अदरक खाकर जाएं)
*वार-* शनिवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:38 से दोपहर 12:29 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 09:12 से सुबह 10:38 तक।
*पंचक*- सुबह 05:465 से 09 अप्रैल,मंगलवार को सुबह 07:56 तक।
*भद्रा*- ………………।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………।
*राहूवास*- पूर्व में।
*चंद्रवास*- पश्चिम में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:45 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:15 पर होगा।
*शिववास*- भोजन में (पीड़ा)।
*व्रत एवं त्योहार*- पंचक एवं प्रदोष व्रत।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
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