*(04 मार्च 2024) का पंचांग*-
*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- नवमी (देररात्रि 02:51 तक, तत्पश्चात् दशमी)।
*नक्षत्र*- ज्येष्ठा (सुबह 11:28 तक तत्पश्चात् मूल)।
*राहूकाल*- सुबह 07:50 से सुबह 09:17 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- राहू।
*योग*- वज्र (सुबह 11:32 बजे तक, तत्पश्चात् सिद्ध)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो शीशा देखकर जाएं)
*वार-* सोमवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:50 से दोपहर 12:36 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 07:24 से सुबह 09:02 तक।
*पंचक*- नहीं है।
*भद्रा*- …………………।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- सुबह 06:19 से 05 मार्च, मंगलवार को सुबह 11:09 तक।
*मूल का वास*- पाताल में।
*राहूवास*- उत्तर-पश्चिम में।
*चंद्रवास*- उत्तर में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:19 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:00 पर होगा।
*शिववास*- सभा में (संताप)।
*व्रत एवं त्योहार*- जानकी जयंती।
आज का छोटा उपाय
भगवान शिव को सफेद अक्षत और भस्म चढ़ाई