*(04 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- दशमी (सुबह 11:43 तक, तत्पश्चात् एकादशी)।
*नक्षत्र*- श्रवण (दोपहर 04:02 तक तत्पश्चात् धनिष्ठा)।
*राहूकाल*- दोपहर 01:38 से दोपहर 03:12 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- राहू।
*योग*- सिद्ध (सुबह 09:14 बजे तक, तत्पश्चात् शुभ)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- दक्षिण में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना राई खाकर जाएं)
*वार-* गुरुवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:39 से दोपहर 12:29 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 10:29 से सुबह 11:59 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- सुबह 05:47 से सुबह 11:43 तक।
*भद्रा का वास*- पाताल में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………।
*राहूवास*- दक्षिण में।
*चंद्रवास*- दक्षिण में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:47 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:14 पर होगा।
*शिववास*- क्रीड़ा में में (कष्ट एवं दुख)।
*व्रत एवं त्योहार*- पंचक प्रारंभ।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298
6391222903