*(30 मार्च 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- पंचमी (सायं 06:01 तक, तत्पश्चात् षष्ठी)।
*नक्षत्र*- अनुराधा (रात्रि 07:03 तक तत्पश्चात् ज्येष्ठा)।
*राहूकाल*- सुबह 09:00 से सुबह 10:33 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- गुरु।
*योग*- सिद्धि (रात्रि 07:56 बजे तक, तत्पश्चात् व्यतीपात)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो अदरक खाकर जाएं)
*वार-* शनिवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:41 से दोपहर 12:30 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 11:02 से दोपहर 12:43 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- …………………..।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- रात्रि 07:03 से 01 अप्रैल, सोमवार को रात्रि 07:08 तक।
*मूल का वास*- पृथ्वी पर।
*राहूवास*- पूरब में।
*चंद्रवास*- उत्तर में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:53 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:12 पर होगा।
*शिववास*- बैल पर (अभीष्ट सिद्धि)।
*व्रत एवं त्योहार*- रंगपंचमी।