*(30 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* वैशाख मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- सप्तमी (देररात्रि 02:49 तक तत्पश्चात् अष्टमी)।
*नक्षत्र*- उत्तराषाढ़ा (देररात्रि 01:25 तक तत्पश्चात् श्रवण)।
*राहूकाल*- दोपहर 03:16 से दोपहर 04:55 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- गुरु।
*योग*- साध्य (रात 07:54 बजे तक, तत्पश्चात् शुभ)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो गुड़ खाकर जाएं)
*वार-* मंगलवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:32 से दोपहर 12:25 तक।
शुक्र पूरब में हैं। और 01 मई को पूरब में अस्त हो जाएंगे।
*अमृत काल*- रात्रि 09:54 से रात्रि 11:28 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- सुबह 05:24 से दोपहर 03:42 तक।
*भद्रा का वास*- पाताल में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………….।
*राहूवास*- पश्चिम में।
*चंद्रवास*- पूरब में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:24 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:27 पर होगा।
*शिववास*- श्मशान में (मृत्युतुल्य)।
*व्रत एवं त्योहार*- …………..।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
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