*(03 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- नवमी (दोपहर 01:45 तक, तत्पश्चात् दशमी)।
*नक्षत्र*- उत्तराषाढ़ा (सायं 05:23 तक तत्पश्चात् श्रवण)।
*राहूकाल*- दोपहर 12:04 से दोपहर 01:38 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- स्वर्ग में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- राहू।
*योग*- शिव (दोपहर 12:01 बजे तक, तत्पश्चात् सिद्ध)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना सूखी साबुत धनिया खाकर जाएं)
*वार-* बुधवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- कोई नहीं ।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- दोपहर 03:40 से सायं 05:12 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- देर-रात 12:45 से अगले दिन सुबह 11:43 तक।
*भद्रा का वास*- पाताल में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………।
*राहूवास*- दक्षिण-पश्चिम में।
*चंद्रवास*- दक्षिण में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:48 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:14 पर होगा।
*शिववास*- सभा में (संताप)।
*व्रत एवं त्योहार*- …………..।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298/6391222903