23 अप्रैल 2024 क्या कहता है आज का पंचांग क्या बोलते है नक्षत्र पढ़े आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री के लेख

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*(23 अप्रैल 2024) का पंचांग*-

*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- शुक्ल।
*तिथि*- पूर्णिमा (देररात्रि 05:12 तक, तत्पश्चात् प्रतिपदा)।
*नक्षत्र*- चित्रा (रात्रि 10:28 तक तत्पश्चात् स्वाती)।
*राहूकाल*- दोपहर 03:15 से दोपहर 04:52 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।

*होमाहुति*- चंद्र।

*योग*- वज्र (देर-रात 04:50 बजे तक, तत्पश्चात् सिद्धि)।

*श्रीसंवत्*- 2081

*संवत्सर*- कालयुक्त।

*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो गुड़ खाकर जाएं)

*वार-* मंगलवार।

*अयन-* उत्तरायण।

*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:34 से दोपहर 12:26 तक।

शुक्र पूरब में हैं।

*अमृत काल*- दोपहर 03:27 से सायं 05:14 तक।

*पंचक*- ………………..।

*भद्रा*- सुबह 05:30 से दोपहर 04:25 तक।

*भद्रा का वास*- पाताल में।

*सर्वार्थसिद्धि योग*- ……..।

*मूल(सत्तइसा*- ………….।

*राहूवास*- पश्चिम में।

*चंद्रवास*- दक्षिण में।

*सूर्योदय*- सुबह 05:30 पर।

*सूर्यास्त*- सायं 06:23 पर होगा।

*शिववास*- श्मशान में (मृत्यु तुल्य)।

*व्रत एवं त्योहार*- पूर्णिमा।

*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298
6391222903

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