22 मार्च 2024 क्या कहते हैं आज के पंचांग क्या बोल रहे हैं नक्षत्र पढ़े आचार्य पंकज शास्त्री के लेख

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*(22 मार्च 2024) का पंचांग*-

*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- शुक्ल पक्ष।
*तिथि*- द्वादशी (सुबह 06:36 तक, तत्पश्चात् त्रयोदशी)।
*नक्षत्र*- मघा (अगले दिन सुबह 05:32 तक तत्पश्चात् पूर्वाफाल्गुनी)।
*राहूकाल*- सुबह 10:37 से दोपहर 12:08 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।

*होमाहुति*- शनि।

*योग*- धृति (रात्रि 07:47 बजे तक, तत्पश्चात् शूल)।

*श्रीसंवत्*- 2080

*संवत्सर*- पिंगल।

*दिशाशूल*- पश्चिम में (यात्रा जरूरी हो तो दही खाकर जाएं)

*वार-* शुक्रवार।

*अयन-* उत्तरायण।

*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:44 से दोपहर 12:32 तक ।

शुक्र पूरब में हैं।

*अमृत काल*- देररात्रि 01:46 से देर-रात 03:34 तक।

*पंचक*- …………………..।

*भद्रा*- …………………।

*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………।

*मूल(सत्तइसा*- सुबह 06:01 से 23 मार्च, शनिवार को सुबह 05:32 तक।

*मूल का वास*- पृथ्वी पर है।

*राहूवास*- दक्षिण-पूर्व में।

*चंद्रवास*- पूरब में।

*सूर्योदय*- सुबह 06:01 पर।

*सूर्यास्त*- सायं 06:08 पर होगा।

*शिववास*- कैलाश पर (सुखप्रद)।

*व्रत एवं त्योहार*- होलाष्टक एवं खाटूश्याम मेला एवं प्रदोष व्रत।

आज का विशेष उपाय
देवी मां को लौंग चढ़ाई अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए

*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298/9918701008

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