*(22 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- शुक्ल।
*तिथि*- चतुर्दशी (देररात्रि 03:38 तक, तत्पश्चात् पूर्णिमा)।
*नक्षत्र*- हस्त (रात्रि 08:14 तक तत्पश्चात् चित्रा)।
*राहूकाल*- सुबह 07:08 से सुबह 08:45 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- स्वर्ग में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- चंद्र।
*योग*- हर्षण (देर-रात 04:36 बजे तक, तत्पश्चात् वज्र)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो शीशा देखकर जाएं)
*वार-* सोमवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:34 से दोपहर 12:26 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- दोपहर 01:17 से दोपहर 03:04 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- देर-रात 03:38 से दोपहर 04:25 तक।
*भद्रा का वास*- पाताल में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ……..।
*मूल(सत्तइसा*- ………….।
*राहूवास*- उत्तर-पश्चिम में।
*चंद्रवास*- दक्षिण में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:310 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:23 पर होगा।
*शिववास*- भोजन में (पीड़ा)।
*व्रत एवं त्योहार*- ………….।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
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