*(21 मार्च 2024) का पंचांग*-
*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- शुक्ल पक्ष।
*तिथि*- द्वादशी (दिनभर )।
*नक्षत्र*- आश्लेषा (देररात 03:13 तक तत्पश्चात् मघा)।
*राहूकाल*- दोपहर 01:40 से दोपहर 03:11 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शनि।
*योग*- सुकर्मा (रात्रि 07:32 बजे तक, तत्पश्चात् धृति)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- दक्षिण में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना राई खाकर जाएं)
*वार-* गुरुवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:44 से दोपहर 12:33 तक ।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- रात्रि 11:40 से देर-रात 01:27 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- …………………।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………।
*मूल(सत्तइसा*- सुबह 06:03 से 23 मार्च, शनिवार को सुबह 05:32 तक।
*मूल का वास*- पृथ्वी पर है।
*राहूवास*- दक्षिण में।
*चंद्रवास*- उत्तर में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:03 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:08 पर होगा।
*शिववास*- कैलाश पर (सुखप्रद)।
*व्रत एवं त्योहार*- होलाष्टक एवं खाटूश्याम मेला ।
*(आचार्य पंकज *(21 मार्च 2024) का पंचांग*-
*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- शुक्ल पक्ष।
*तिथि*- द्वादशी (दिनभर )।
*नक्षत्र*- आश्लेषा (देररात 03:13 तक तत्पश्चात् मघा)।
*राहूकाल*- दोपहर 01:40 से दोपहर 03:11 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शनि।
*योग*- सुकर्मा (रात्रि 07:32 बजे तक, तत्पश्चात् धृति)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- दक्षिण में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना राई खाकर जाएं)
*वार-* गुरुवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:44 से दोपहर 12:33 तक ।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- रात्रि 11:40 से देर-रात 01:27 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- …………………।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………।
*मूल(सत्तइसा*- सुबह 06:03 से 23 मार्च, शनिवार को सुबह 05:32 तक।
*मूल का वास*- पृथ्वी पर है।
*राहूवास*- दक्षिण में।
*चंद्रवास*- उत्तर में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:03 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:08 पर होगा।
*शिववास*- कैलाश पर (सुखप्रद)।
*व्रत एवं त्योहार*- होलाष्टक एवं खाटूश्याम मेला ।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298/9918701008