*(20 मार्च 2024) का पंचांग*-
*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- शुक्ल पक्ष।
*तिथि*- एकादशी (अगले दिन 05:04 तक, तत्पश्चात् द्वादशी)।
*नक्षत्र*- पुष्य (देररात 01:11 तक तत्पश्चात् आश्लेषा)।
*राहूकाल*- दोपहर 12:09 से दोपहर 01:40 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शनि।
*योग*- अतिगंड (रात्रि 07:32 बजे तक, तत्पश्चात् सुकर्मा)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना सूखी साबुत धनिया खाकर जाएं)
*वार-* बुधवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- कोई नहीं।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- दोपहर 03:35 से सायं 05:20 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- दोपहर 04:31 से देर-रात 05:04 तक।
*भद्रा का वास*- मृत्यु।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………।
*मूल(सत्तइसा*- देर-रात 01:11 से 23 मार्च, शनिवार को सुबह 05:32 तक।
*मूल का वास*- पृथ्वी पर है।
*राहूवास*- दक्षिण-पश्चिम में।
*चंद्रवास*- उत्तर में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:03 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:08 पर होगा।
*शिववास*- क्रीड़ा में (कष्ट एवं दुख)।
*व्रत एवं त्योहार*- होलाष्टक एवं सबकी आमलकी एकादशी व्रत।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298/9918701008