*(02 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- अष्टमी (दोपहर 03:29 तक, तत्पश्चात् नवमी)।
*नक्षत्र*- पूर्वाषाढ़ा (सायं 06:27 तक तत्पश्चात् उत्तराषाढ़ा)।
*राहूकाल*- दोपहर 03:12 से दोपहर 04:45 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- गुरु।
*योग*- परिघ (दोपहर 02:31 बजे तक, तत्पश्चात् शिव)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो गुड़ खाकर जाएं)
*वार-* मंगलवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:40 से दोपहर 12:30 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सायं 06:05 से रात्रि 07:40 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- …………………।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………।
*राहूवास*- पश्चिम में।
*चंद्रवास*- पूरब में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:50 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:13 पर होगा।
*शिववास*- गौरी के साथ (सुखप्रद)।
*व्रत एवं त्योहार*- शीतला अष्टमी ।