*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- शुक्ल।
*तिथि*- एकादशी (रात्रि 09:49 तक, तत्पश्चात् द्वादशी)।
*नक्षत्र*- मघा (दोपहर 12:45 तक तत्पश्चात् पूर्वाफाल्गुनी)।
*राहूकाल*- सुबह 10:24 से दोपहर 12:01 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शनि।
*योग*- वृद्धि (देर-रात 03:04 बजे तक, तत्पश्चात् ध्रुव)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- पश्चिम में (यात्रा जरूरी हो तो दही खाकर जाएं)
*वार-* शुक्रवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:35 से दोपहर 12:26 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 08:15 से सुबह 10:03 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- सुबह 08:55 से रात्रि 09:49 तक।
*भद्रा का वास*- मृत्यु।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- सुबह 05:33 से दोपहर 12:45 तक।
*मूल का वास*- पृथ्वी पर।
*राहूवास*- दक्षिण-पूर्व में।
*चंद्रवास*- पूरब में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:33 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:21 पर होगा।
*शिववास*- क्रीड़ा में (कष्ट एवं दुख)।
*व्रत एवं त्योहार*- कामदा एकादशी व्रत
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298
6391222903