*(17 मार्च 2024) का पंचांग*-
*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- शुक्ल पक्ष।
*तिथि*- अष्टमी (देर रात्रि 02:55 तक, तत्पश्चात् नवमी)।
*नक्षत्र*- मृगशिरा (रात 09:32 तक तत्पश्चात् आर्द्रा)।
*राहूकाल*- दोपहर 04:41 से सायं 06:11 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शुक्र।
*योग*- आयुष्मान (रात्रि 09:28 बजे तक, तत्पश्चात् सौभाग्य)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पश्चिम में (यात्रा जरूरी हो तो पान खाकर जाएं)
*वार-* रविवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:45 से दोपहर 12:34 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 07:44 से सुबह 09:23 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- सुबह 06:06 दोपहर 03:02 तक।
*भद्रा का वास*- स्वर्ग में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………।
*मूल(सत्तइसा*- ………….।
*राहूवास*- उत्तर में।
*चंद्रवास*- पश्चिम में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:06 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:06 पर होगा।
*शिववास*- श्मशान में (मृत्यु तुल्य)।
*व्रत एवं त्योहार*- होलाष्टक, मासिक दुर्गाष्टमी एवं भद्रा।