17 अप्रैल क्या कहते हैं आज के पंचांग क्या बोलते हैं नक्षत्र पढ़ें आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री के लेख

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*(17 अप्रैल 2024) का पंचांग*-

*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- शुक्ल।
*तिथि*- नवमी (सायं 06:29 तक, तत्पश्चात् दशमी)।
*नक्षत्र*- पुष्य (सुबह 08:29 तक तत्पश्चात् आश्लेषा)।
*राहूकाल*- दोपहर 12:01 से दोपहर 01:37 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।

*होमाहुति*- शुक्र।

*योग*- शूल (देर-रात 02:22 बजे तक, तत्पश्चात् गंड)।

*श्रीसंवत्*- 2081

*संवत्सर*- कालयुक्त।

*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना सूखी साबुत धनिया खाकर जाएं)

*वार-* बुधवार ।

*अयन-* उत्तरायण।

*अभिजित शुभ मुहूर्त*- कोई नहीं ।

शुक्र पूरब में हैं।

*अमृत काल*- ………………।

*पंचक*- ………………..।

*भद्रा*- ……….…………।

*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।

*मूल(सत्तइसा*- सुबह 08:29 से 19 अप्रैल, शुक्रवार को दोपहर 12:45 तक।

*मूल का वास*- पृथ्वी पर।

*राहूवास*- दक्षिण-पश्चिम में।

*चंद्रवास*- उत्तर में।

*सूर्योदय*- सुबह 05:35 पर।

*सूर्यास्त*- सायं 06:20 पर होगा।

*शिववास*- गौरी के साथ (सुखप्रद)।

*व्रत एवं त्योहार*- वासंतीय नवरात्रि का नवां दिन एवं रामनवमी।

*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298
6391222903

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