*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- शुक्ल पक्ष।
*तिथि*- सप्तमी (देर रात्रि 03:07 तक, तत्पश्चात् अष्टमी।
*नक्षत्र*- रोहिणी (रात 09:12 तक तत्पश्चात् मृगशिरा)।
*राहूकाल*- सुबह 09:10 से सुबह 10:40 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शुक्र।
*योग*- प्रीति (रात्रि 10:50 बजे तक, तत्पश्चात् आयुष्मान)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो अदरक खाकर जाएं)
*वार-* शनिवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:46 से दोपहर 12:34 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- दोपहर 12:54 से दोपहर 02:30 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- देर-रात 03:07 अगले दिन दोपहर 03:02 तक।
*भद्रा का वास*- स्वर्ग में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- सुबह 06:07 से रात्रि 09:12 तक।
*मूल(सत्तइसा*- ………….।
*राहूवास*- पूर्व में।
*चंद्रवास*- दक्षिण में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:07 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:06 पर होगा।
*शिववास*- भोजन में (पीड़ा)।
*व्रत एवं त्योहार*- होलाष्टक प्रारंभ।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298/9918701008