*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- शुक्ल पक्ष।
*तिथि*- तृतीया (सुबह 08:06 तक, तत्पश्चात् चतुर्थी)।
*नक्षत्र*- अश्विनी (रात 10:41 तक तत्पश्चात् भरणी)।
*राहूकाल*- दोपहर 12:11 से दोपहर 01:40 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- बुध।
*योग*- ऐंद्र (अगले दिन सुबह 04:59 बजे तक, तत्पश्चात् वैधृति)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना सूखी साबुत धनिया खाकर जाएं)
*वार-* बुधवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- कोई नहीं ।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 11:50 से रात्रि 01:18 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- सायं 07:14 से अगले दिन सुबह 06:19 तक।
*भद्रा का वास*- स्वर्ग में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………. ।
*मूल(सत्तइसा*- सुबह 06:10 से रात्रि 10:41 तक ।
*मूल का वास*- पाताल में ।
*राहूवास*- दक्षिण-पश्चिम में।
*चंद्रवास*- पूरब में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:10 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:04 पर होगा।
*शिववास*- सभा में (संताप)।
*व्रत एवं त्योहार*- विनायक चतुर्थी ।
आज का छोटा उपाय
गणेश जी को घी और गुड़ का भोग चढ़ाई इससे आपके कार्यों में उन्नति होगी
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298