परिवहन विभाग की मिली भगत से चल रही ट्रैक्टर ट्रालियां या फिर रसूखदारों से डर रहा परिवहन विभाग
खबर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से है जहां परिवहन विभाग की मिली भगत से खुले आम कृषि कार्य हेतु में लाई जाने वाली ट्रैक्टर ट्राली से सीमेंट की ढुलाई का कार्य किया जाता है । ऐसी स्थिति में में ट्रैक्टर ट्रालियों से यदि कोई हादसा होता है तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन।
बताते चले जनपद गोंडा में रेलवे की रैक लगती है रैक से गोदाम तक ट्रक से परिवहन का जिम्मा सीमेंट कंपनियां वेंडर को देती है l लेकिन वेंडर पैसा बचाने के चक्कर में कृषि कार्य हेतु में लाई जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली से सीमेंट की ढुलाई की जाती है चाहे वो रेलवे के रैक से हो या फिर सुभाग पुर इस्थित गोदाम से l
हाल ही में आज का उजाला चैनल के कमरे में कैद हुई तस्वीर मे जो ट्रैक्टर ट्रॉली दर्जनों की संख्या में कैद हुई है किसी भी ट्रैक्टर ट्राली में ना तो नंबर प्लेट है और सूत्रों की माने तो इस ट्रैक्टर करना तो बीमा है और ना ही ड्राइविंग लाइसेंस, वही जब अवैध परिवहन की सूचना और जानकारी के बारे में परिवहन विभाग के परिवर्तन दल पीटीओ शैलेंद्र तिवारी से जब बात किया गया उन्होंने बताया मामले की जानकारी हुई है l मैं अभी पहुंचता हूं l हालांकि खबरों का फॉलोप लेने के लिए जब हमने पूछा अवैध परिवहन पर क्या कार्रवाई की गई है l उन्होंने साफ तौर पर बताया मैं मौके पर पहुँचा एक गाड़ी मिली जिसका चालान हमने कर दिया है l लेकिन अगर बात करें हम अपने जिम्मेदार सूत्रों की तो उनका कहना है सब आए थे क्या किया क्या नहीं किया हम नहीं जानते लेकिन ट्रैक्टर ट्राली पूरे शाम तक चली है l
आपको बता दे गोंडा कचहरी में लगे रेलवे रैक हो या फिर माल गोदाम सुभाग पुर सभी जगह पर कृषि कार्य हेतु में लाई जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली खुलेआम रोड पर धड़ल्ले से सीमेंट लोडकर घूमती नजर आरही है लेकिन परिवहन विभाग को ना तो दिखाई देता है और सूचना भी देने पर केवल खाना पूर्ति होती है । जिससे साफ जाहिर होता है या तो रसूखदार ठेकेदारों से परिवहन विभाग डर रहा है या फिर परिवहन विभाग की मिली भगत से ठेकेदार सीमेंट डीलर कर रहे मनमानी ।