रसूख इतना की वर्दी भी करती थी आवाभगत
शैलेंद्र गुप्ता की रिपोर्ट
कुशीनगर के तमकुहीराज कस्बे में जाली करेंसी के गिरोह का पर्दाफाश कर कुशीनगर पुलिस लगातार वाहवाही बटोर रही है और वाहवाही मिलना भी चाहिए क्योंकि रिकवरी के दृष्टिकोण से यह बहुत बड़ी रिकवरी है। आरोपियों के सपा से जुड़े होने और नेताओं के साथ उनकी तस्वीरों को लेकर तरह तरह की चर्चा हो रही है और यह गुडवर्क अब पक्ष बिपक्ष के बिच तकरार का विषय वस्तु बन गया है लेकिन आरोपी के साथ पुलिस अधिकारियो के साथ सोशल साईट पर उपलब्ध फोटो और कल खुलासे के बाद जारी फोटो और बिडियो को देखकर इस खुलासे पर तरह तरह की चर्चा करने में जुटे है लोग।
बताते चले कि कल तमकुहीराज कस्बे से तरयासुजान, तमकुहीराज, सेवरही और साइबर पुलिस द्वारा जाली करेंसी गिरोहा का पर्दाफाश किया गया जो इस समय राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। कुशीनगर पुलिस का यह गुडवर्क काबिले तारीफ है लेकिन कस्बे तथा आसपास के इलाके में इस गुडवर्क में पुलीसिया थ्योरी को लेकर तरह तरह की चर्चा ब्याप्त है। इस गुडवर्क में भले ही कुशीनगर पुलिस का बम बम हो रहा है लेकिन स्थानीय स्तर पर इस मामले को जानने वाले आम लोगो को पुलिसिया थ्योरी गले से निचे नहीं उतर रही है। इस मामले में आम लोगो के मध्य मुखरता के साथ हो रही चर्चा के आधार पर इस गुडवर्क के पीछे की कहानी का सच क्या है उसको सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है।
– एक दूसरे के धुर बिरोधी को संगठित गिरोह बताया