जनपद गोण्डा की 5 सबसे बड़ी समस्या

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गोण्डा जनपद में भले ही लग रहा है कि विकास की गंगा बह रही है लेकिन विकास सायद इसको कहते है तो फिर गोण्डा की समस्या से हमेशा जूझते रहेंगे गोण्डा वासी ।

1:- सीवर लाइन न होने से गोण्डा के अधिकांश हिस्सों में जलभराव रहता है जिसमे रिहायसी इलाके के साथ साथ जिले की महत्वपूर्ण विभाग भी जलभराव का दंस जनपदवासियों को झेलना पड़ता है , गोण्डा जिला हॉस्पिटल के कैम्पस में थोड़े से वारिस में जल भराव,पटेलनगर आवास विकास, विष्णुपुरी कालोनी टैगोरनगर,रानीबाजार,महराजगंज ,जैसे कई कालोनिया है, जो जल भराव का दंश झेल रही है गोंडा में बरसात के दिनों में तो समस्या होना आम बात है लेकिन वही घरों से निकलने वाले पानी कभी समुचित उपाय नहीं है जिससे जनता को बड़ी समस्या से जूझना पड़ता है ।

2:-जाम की समस्या, गोण्डा में रोडवेज का उच्चीकरण हो या फिर अलग स्थान पर अस्थान्तरित हो तभी गोण्डा के लोगो को जाम से निजात मिल सकता है , गोण्डा में बड़े बड़े मठाधीश ने कॉम्प्लेक्स तो बना लिया लेकिन कही भी पार्किंग स्थल नही बनाया जिससे रोड़ पर ही कस्टमर को वाहन खड़ा करना पड़ता है जिससे जाम लगा ही रहता है ,ओवर ब्रिज का निर्माण बहराइच रोड़ पर होने के बाद भी जाम की समस्या बढ़ी है,बहराईच रोड़ पर वही ओवरलोड वाहन भी कही न कही जाम का एक हिस्सा है जाम का,

3:-विजली विभाग लगातार उपभोगता पर शिकंजा कसता जा रहा लेकिन आज भी बिजली कटती रहती है बराबर सहर से लेकर गांव तक कि सभी लाइने लगभग जर्जर हो चुकी है जितनी पुरानी लाइन थी विभाग छमता के अनुसार ट्रांसफार्मर चेंज नहीं कर पारहे है जिससे बोल्टेज सही उपभोक्ता को नही मिलपारहा, वही विजली विभाग में रक्खे गए आउट सोर्स से मीटर रीडर मनमानी करते रहते है , विजली विभाग के सबस्टेसन पर je और sdo के पास कोई समस्या लेकर जाता है तो उपभोगता से बात करने की भासा शैली बहूत ही गलत होता है जिससे उपभोगता जाना ही नही चाहता समस्या लेकर ,और अगर कोई अपनी बात रखने की जिद करता है तो उसका किसी न किसी प्रकार से नुकसान विजली विभाग के लोग कर देते है ,

4:- गोण्डा जनपद में रोजगार के साधन के नाम पर केवल चीनी मिल है उसमें भी सीजनल गोण्डा देवीपाटन मंडल मुख्यालय होने के वावजूद भी कोई उद्योग नही है और सायद गोण्डा के जनप्रतिनिधियों की कही न कही गलती इस विषय मे जरूर है ,बाहरी जो भी इकाई है अधिकांस लेबर से लेकर ऑफिस तक बाहर के लोग ही स्थापित है ,इस बात को लेकर हमारी बात एक बड़े संस्थान के जिम्मेदार से हुई तो बताया लोकल लोग को रखने में पॉलिटिक्स बहुत होती है, गोण्डा में बाहरी कंपनी या संस्थान यदि आने का प्रयास करता है तो जनपद के मठाधीस प्रोजेक्ट कास्ट पूछते है यह सुनते ही कंपनी समझ जाती है पूरा खेल और अन्य जनपद में अपना कार्य करती है ।

5:- जिले में क्रप्सन बढ़ता जारहा है जहाँ मौजूदा सरकार क्रप्सन हटाने की बात कर रही है वही यह बीमारी बढ़ती जारही है सभी विभागों में बिना पूजा चढाये नही बढ़ती आगे फाइल खैर सरकार इसके लिए जनपद के मुख्यालय पर एंटीकरप्शन की टीम को बैठा दिया है और लोग रंगे हाथ पकड़े भी जारहे है ,लेकिन समस्या यह है कि पब्लिक भी सोचती है कि जबतक मैं जेब गर्म नही करूँगा आगे फाइल नही बढ़ेगी यह विस्वास अभी भी लोगो के लिए चिंता का विषय है । फिलहाल मौजूदा जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने काफी हद तक लगाम लगाने का प्रयास किया है और करप्शन जैसे मामले का नाम आते ही जबरदस्त कररही कार्यवाही भी जिलाधिकारी नेहा शर्मा करप्शन जैसी शिकायत पर तुरंत लेती है जोरदार एक्सन ।

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