गोंडा लेखा कार्यालय में करोड़ों रुपए का घोटाले का लगा आरोप

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राजमंगल सिंह

गोंडा जिले के बेसिक शिक्षा विभाग वित्त लेखा अधिकारी कार्यालय में होने वाले फर्जी बड़े का विवाद बढ़ता जा रहा है जिला अध्यक्ष अनूप सिंह ने मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार की जांच करने को लेकर मांग की है l

गोंडा जनपद के शिक्षा विभाग में यह कोई नया मामला नहीं है गोंडा के शिक्षा विभाग में ख़ास कर लेखा विभाग मैं किसके नाम से कब पेमेंट हो जाए कुछ नहीं पता है किस विद्यालय में कितने शिक्षक सही ढंग से पढ़ाते हैं और कितने शिक्षक फर्जी रूप से वेतन पा रहे हैं मैनेजमेंट के और एक मास्टरमाइंड की कृपा से ।

सवाल यह उठता है लेखा कार्यालय में कार्यरत लिपिक पेमेंट कैसे कर सकता है पेमेंट करने का अधिकार लेखा अधिकारी को होता है लेखा अधिकारी पेमेंट अगर किया है तो निश्चित रूप से लेखा अधिकारी भी जिम्मेदार है लेखा अधिकारी के डोंगल से ही पेमेंट बनता है और सैलरी बनाने का काम मैनेजमेंट विद्यालय का करता है लेखा कार्यालय में कार्यरत कोई भी लिपिक तब तक गलत नहीं कर सकता जब तक उसके अधीनस्थ उच्च अधिकारी पूरे खेल में इंवॉल्व नहीं होते हैं 100 करोड रुपए का घोटाला का मामला सामने आया है तो जाहिर सी बात है लेखा अधिकारी के मिली भगत से हुई होगी वहीं विद्यालय के मैनेजमेंट भी पूर्ण रूप से इंवॉल्व होंगे विद्यालय के प्रबंधक प्रिंसिपल के साइन होने के बाद में सैलरी का डाटा लेखा कार्यालय में आता है जिसको लिपिक लेखा अधिकारी के पास लेकर जाता है लेखा अधिकारी अपने डोंगल से सभी की सैलरी वेरीफाई करता है इसके बाद ही पेमेंट होता है। ऐसे में यदि घोटाला हुआ है तो निश्चित रूप से लेखा अधिकारी विद्यालय प्रबंधक व प्रिंसिपल बराबर के दोषी है । अब लिपिक का इस मामले में क्या रोल है यह तो जांच का विषय है

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