गंगा जमुनी तहजीब के मिसाल है मसूद आलम खाँ

0
103

दिल की बात/दर्द अपनो से साझा

जब कोई घर बिगड़ता है तो सबसे ज्यादा तकलीफ घर के उस व्यक्ति को होता है जिसने परिवार को इकट्ठा रखने में अपना ज्यादा योगदान दिया हो

इसी तरह जब समाज बिगड़ता है विश्वास और भाईचारा टूटता है तो सबसे ज्यादा दुख उस व्यक्ति को होता है जिसने समाज को इकट्ठा करने सद्भाव भाई चारा के लिए अपना योगदान ज्यादा दिया हो*

*वर्ष 2006 की बात है पहली बार मैं ब्लॉक प्रमुख बना तो उस वक्त समाजवादी पार्टी की और बसपा से लड़ाई हुई उस समय भारतीय जनता पार्टी तीसरे और चौथे दल के रूप में संघर्ष कर रही थी*

*मेरे शपथ ग्रहण के बाद धार्मिक महत्व के तीन कार्य मेरे समकक्ष आए तीनों कार्य निजी व्यय से होने थे*

1″ *पौराणिक सिद्धपीठ बाबा बरखंडी नाथ करनैलगंज के सुंदरीकरण, परिक्रमा मार्ग, व संपर्क मार्ग, बनाने का प्रस्ताव आदरणीय महंत सुनील पुरी जी ने दिया*

2″ *ग्राम पंचायत भोंका में 15 बीघा में ईदगाह की बाउंड्री वाल के निर्माण का प्रस्ताव ईदगाह इमाम हजरत सैयद मसूद अशरफ किछौछवी साहब ने दिया*

3″ *बालपुर बाजार छिटनापुर में हिंदू समाज का एक प्रमुख धार्मिक स्थल भग्गू बाबा का बाउंड्री वॉल परिक्रमा मार्ग और सुंदरीकरण का भी प्रस्ताव मेरे समक्ष रखा गया*

*मैने सर्वप्रथम बाबा बरखंडी नाथ का परिक्रमा मार्ग, संपर्क मार्ग, और सुंदरीकरण का कार्य कराया*

*उसके उपरांत ग्राम भोंक के ईदगाह के बाउंड्री वाल का निर्माण कराया*

*उसके उपरांत भग्गू बाबा के स्थान का परिक्रमा मार्ग, बाउंड्री वॉल, और सुंदरीकरण का कार्य कराया*

*वर्ष 2011 में करनैलगंज से लेकर बाबा पृथ्वीनाथ मंदिर तक टूटी-फूटी जर्जर 37किलोमीटर सड़क की मरम्मत* *कांवरियों के पैर में कंकर ना चुभे* *अपनी *निजी*
*व्यय से कराया*

*जिस समय मैं यह सब कार्य कर रहा था उसे समय ना तो योगी जी का शासन था ना मोदी जी का शासन था ना इतना दूषित माहौल था मैने यह सब कार्य सद्भाव और भाईचारा हिन्दू मुस्लिम में विश्वास प्यार स्नेह बढ़ाने के लिए कर रहा था*

*मुझे प्रेम, सद्भाव, भाईचारा, इन सब कार्य के लिए चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े यह कार्य रुकने वाला नहीं है मैं संकल्पित हूं क्योंकि मुझे पता है कि नफरत को मोहब्बत से ही हराया जा सकता है जो कुछ लोगों को पसंद नहीं है*

*आज जब भाईचारा सद्भाव खराब होते देख रहा हूं जिसको मजबूत करने में मैंने अपना बहुत सारा समय अनेकों योगदान दिया है तो जाहिर सी बात है की सबसे ज्यादा दुख भी मुझे होगा*

*अगर हम ईद में मिठाई का पंडाल लगाते हैं तो कजरी तीज में भी कांवरिया भाइयों के लिए फल का पंडाल लगाते हैं अगर हम मोहर्रम में लंगर सबील लगते हैं तो हम होली और दीपावली में भी हिंदू गरीब परिवारों के बच्चों के चेहरे पर खुशियां बढ़ाते हैं*

*मुझे MP MLA का पद मिले या ना मिले लेकिन हमारे जनपद हमारे मंडल हमारे प्रदेश हमारे देश में भाईचारा सद्भाव और मानवता बनी रहे और एक दूसरे को कष्ट कोई ना दे और दूसरे के कष्ट को समझे तो इससे बड़ी मेरे लिए कोई खुशी नहीं हो सकती*

*लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हिंदू मुस्लिम एकता की डोर इतनी मजबूत है हजारों साल पुरानी है यह नहीं टूट सकती।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here