डीएम नेहा शर्मा की सख्ती: 08 घंटे में पीड़ित को मिला न्याय, अवैध कब्जा हटाया गया

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हर अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्तियों को न्याय मिले इसके लिए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ग्राउंड जीरो पर उतरकर सुनती है समस्याएं ,कर रही है उचित न्याय

 

गोंडा: जिलाधिकारी नेहा शर्मा की तत्परता और सख्त कार्रवाई ने एक बार फिर गोंडा जिले में प्रशासन की संवेदनशीलता और जवाबदेही का उदाहरण पेश किया। बुधवार को जनता दर्शन कार्यक्रम में करनैलगंज तहसील के मौजा-जगतापुर, परगना-पहाड़ापुर की एक महिला ने शिकायत की कि उनके आवंटित आवासीय पट्टे पर कुछ स्थानीय लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं। यह मामला अप्रैल 2023 का था, जब महिला को आवासीय पट्टा आवंटित हुआ था।

महिला ने बताया कि जब उन्होंने कब्जा हटाने की कोशिश की, तो उन्हें धमकी और गाली-गलौच का सामना करना पड़ा। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

जिलाधिकारी के निर्देश के बाद, एसडीएम करनैलगंज और तहसीलदार की एक टीम ने मामले की तत्काल जांच शुरू की। मात्र आठ घंटे में प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर जांच की और शिकायत को सही पाया। जांच के बाद टीम ने महिला की जमीन का कब्जा वापस दिलवाया और अवैध कब्जे को हटा दिया। इस कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने स्थानीय शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी सतर्कता बरती।

यह कार्रवाई सिर्फ त्वरित न्याय का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्रशासन नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह से तत्पर है। जिलाधिकारी ने इस पर कहा, “प्रत्येक शिकायत का त्वरित और निष्पक्ष निस्तारण हमारी प्राथमिकता है। अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें कोई छूट नहीं दी जाएगी।”

महिला को उनकी भूमि वापस मिलने से उन्हें बड़ी राहत मिली, और इस त्वरित कार्रवाई ने क्षेत्रवासियों में प्रशासन के प्रति विश्वास को और मजबूत किया। डीएम नेहा शर्मा की इस पहल को स्थानीय लोगों ने सराहा और इसे प्रशासन की संवेदनशीलता का आदर्श उदाहरण माना।

इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि जिलाधिकारी नेहा शर्मा न केवल जनता के मुद्दों पर त्वरित ध्यान देती हैं, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय लेने के मामले में भी उनकी सख्त नीति ने लोगों का विश्वास जीत लिया है। यह घटना गोंडा के नागरिकों के लिए एक उदाहरण बन गई है कि प्रशासन उनके साथ खड़ा है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहता है।

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