*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- दशमी (देररात्रि 01:34 तक, तत्पश्चात् एकादशी)।
*नक्षत्र*- मूल (सुबह 11:09 तक तत्पश्चात् पूर्वाषाढ़ा)।
*राहूकाल*- दोपहर 03:09 से दोपहर 04:37 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- स्वर्ग में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- राहू।
*योग*- सिद्ध (सुबह 09:35 बजे तक, तत्पश्चात् व्यतीपात)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो गुड़ खाकर जाएं)
*वार-* मंगलवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:49 से दोपहर 12:36 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- सुबह 09:42 से सुबह 11:16 तक।
*पंचक*- नहीं है।
*भद्रा*- दोपहर 02:14 से देररात्रि 01:34 तक।
*भद्रा का वास*- पाताल में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- सुबह 06:18 से सुबह 11:09 तक।
*मूल का वास*- पाताल में।
*राहूवास*- पश्चिम में।
*चंद्रवास*- पूरब में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:18 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:01 पर होगा।
*शिववास*- क्रीड़ा में (कष्ट एवं दुख)।
*व्रत एवं त्योहार*- …………..।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298/9918701008