*(05 मई 2024) का पंचांग*-
*मास-* वैशाख मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- द्वादशी (दोपहर 03:06 तक तत्पश्चात् त्रयोदशी)।
*नक्षत्र* उत्तराभाद्रपद (सायं 05:35 तक तत्पश्चात् रेवती)।
*राहूकाल*- दोपहर 04:57 से सायं 06:36 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- स्वर्ग में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- केतु।
*योग*- विष्कुंभ (देर रात्रि 02:02 बजे तक, तत्पश्चात् प्रीति)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- पश्चिम में (यात्रा जरूरी हो तो पान खाकर जाएं)
*वार-* रविवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:31 से दोपहर 12:25 तक।
शुक्र 01 मई को दोपहर 04 बजकर 57 मिनट पर पूरब में अस्त हो गए हैं।
*अमृत काल*- दोपहर 03:35 से सायं 05:02 तक।
*पंचक*- सुबह 05:20 से 06 मई, सोमवार को दोपहर 04:03 तक।
*भद्रा*- ………………..।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- सुबह 05:20 से सायं 05:35 तक।
*मूल(सत्तइसा*- सायं 05:35 से 07 मई, मंगलवार को दोपहर 02:44 तक।
*मूल का वास*- पाताल में।
*राहूवास*- उत्तर में।
*चंद्रवास*- उत्तर में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:20 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:29 पर होगा।
*शिववास*- बैल पर (अभीष्ट सिद्धि)।
*व्रत एवं त्योहार*- प्रदोष व्रत एवं पंचक।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298
6391222903