31 मार्च 2024 क्या कहता है आज का पंचांग क्या बोलते हैं नक्षत्र पढ़े आचार्य पंकज शास्त्री के लेख

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*(31 मार्च 2024) का पंचांग*-

*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- षष्ठी (सायं 05:41 तक, तत्पश्चात् सप्तमी)।
*नक्षत्र*- ज्येष्ठा (रात्रि 07:21 तक तत्पश्चात् मूल)।
*राहूकाल*- दोपहर 04:45 से सायं 06:18 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।

*होमाहुति*- गुरु।

*योग*- व्यतीपात (सायं 06:32 बजे तक, तत्पश्चात् वरीयान)।

*श्रीसंवत्*- 2080

*संवत्सर*- पिंगल।

*दिशाशूल*- पश्चिम में (यात्रा जरूरी हो तो पान खाकर जाएं)

*वार-* रविवार।

*अयन-* उत्तरायण।

*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:41 से दोपहर 12:30 तक।

शुक्र पूरब में हैं।

*अमृत काल*- दोपहर 01:49 से दोपहर 03:29 तक।

*पंचक*- …………………..।

*भद्रा*- सायं 05:41 से अगले दिन सुबह 05:16 तक।

*भद्रा का वास*- स्वर्ग में।

*सर्वार्थसिद्धि योग*- रात्रि 07:21 से अगले दिन सुबह 05:52 तक।

*मूल(सत्तइसा*- सुबह 05:52 से 01 अप्रैल, सोमवार को रात्रि 07:08 तक।

*मूल का वास*- पृथ्वी पर।

*राहूवास*- उत्तर में।

*चंद्रवास*- उत्तर में।

*सूर्योदय*- सुबह 05:52 पर।

*सूर्यास्त*- सायं 06:12 पर होगा।

*शिववास*- भोजन में (पीड़ा)।

*व्रत एवं त्योहार*- एकनाथ षष्ठी।

*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298/6391222903

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