*(25 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* वैशाख मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- प्रतिपदा (सुबह 06:24 तक तत्पश्चात् द्वितीया)।
*नक्षत्र*- विशाखा (देररात्रि 01:48 तक तत्पश्चात् अनुराधा)।
*राहूकाल*- दोपहर 01:37 से दोपहर 03:15 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- मंगल।
*योग*- व्यतीपात (देर-रात 04:18 बजे तक, तत्पश्चात् वरीयान)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- दक्षिण में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना राई खाकर जाएं)
*वार-* गुरुवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:33 से दोपहर 12:25 तक।
शुक्र पूरब में हैं। और 01 मई को पूरब में अस्त हो जाएंगे।
*अमृत काल*- दोपहर 04:58 से सायं 06:41 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- ………………।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ……..।
*मूल(सत्तइसा*- ………….।
*राहूवास*- दक्षिण में।
*चंद्रवास*- पश्चिम में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:28 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:24 पर होगा।
*शिववास*- गौरी के साथ (सुखप्रद)।
*व्रत एवं त्योहार*- …………..।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
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