*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- सप्तमी (देररात्रि 03:56 तक, तत्पश्चात् अष्टमी)।
*नक्षत्र*- विशाखा (सुबह 10:35 तक तत्पश्चात् अनुराधा)।
*राहूकाल*- सुबह 09:19 से सुबह 10:46 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- गुरु।
*योग*- व्याघात (दोपहर 02:11 बजे तक, तत्पश्चात् हर्षण)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो अदरक खाकर जाएं)
*वार-* शनिवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:50 से दोपहर 12:37 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- अगले दिन सुबह 04:59 से सुबह 06:40 तक।
*पंचक*- नहीं है।
*भद्रा*- सुबह 06:21 से दोपहर 03:49 तक।
*भद्रा का वास*- पाताल में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………।
*राहूवास*- पूर्व में।
*चंद्रवास*- पश्चिम में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:21 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 05:59 पर होगा।
*शिववास*- श्मशान में (मृत्यु तुल्य)।
*व्रत एवं त्योहार*- गजानन महराज प्राकट्य दिवस।
आज का उपाय
एक लोटे जल में काला तिल मिलाकर पीपल पर अवश्य चढ़ाएं
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298/9918701008