*(15 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- शुक्ल।
*तिथि*- सप्तमी (दोपहर 04:40 तक, तत्पश्चात् अष्टमी)।
*नक्षत्र*- आर्द्रा (सुबह 05:46 तक तत्पश्चात् पुनर्वसु)।
*राहूकाल*- सुबह 07:13 से सुबह 08:49 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पाताल में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- शुक्र।
*योग*- सुकर्मा (देर-रात 02:45 बजे तक, तत्पश्चात् धृति)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो शीशा देखकर जाएं)
*वार-* सोमवार ।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:36 से दोपहर 12:27 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- देर रात्रि 12:32 से देररात्रि 02:14 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- दोपहर 04:40 से देर-रात 05:01 तक।
*भद्रा का वास*- स्वर्ग में।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………।
*राहूवास*- उत्तर-पश्चिम में।
*चंद्रवास*- पश्चिम में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:37 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:19 पर होगा।
*शिववास*- भोजन में (पीड़ा)।
*व्रत एवं त्योहार*- वासंतीय नवरात्रि का सातवां दिन ।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
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6391222903