*(13 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण शुक्ल।
*तिथि*- पंचमी (दोपहर 04:40 तक, तत्पश्चात् षष्ठी)।
*नक्षत्र*- मृगशिरा (देर-रात 05:06 तक तत्पश्चात् आर्द्रा)।
*राहूकाल*- सुबह 08:50 से सुबह 10:26 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- बुध।
*योग*- शोभन (देर-रात 04:32 बजे तक, तत्पश्चात् अतिगंड)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- कालयुक्त।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो अदरक खाकर जाएं)
*वार-* शनिवार ।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:36 से दोपहर 12:27 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- दोपहर 04:02 से सायं 05:38 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- ………………….।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………।
*राहूवास*- पूर्व में।
*चंद्रवास*- दक्षिण में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:39 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:18 पर होगा।
*शिववास*- कैलाश पर (सुखप्रद)।
*व्रत एवं त्योहार*- वासंतीय नवरात्रि का पांचवां दिन एवं सोलर नववर्ष ।