*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण शुक्ल।
*तिथि*- तृतीया (सायं 06:17 तक, तत्पश्चात् चतुर्थी)।
*नक्षत्र*- कृतिका (देर-रात 04:56 तक तत्पश्चात् रोहिणी)।
*राहूकाल*- दोपहर 01:38 से दोपहर 03:13 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- स्वर्ग में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- बुध।
*योग*- प्रीति (सुबह 09:47 बजे तक, तत्पश्चात् आयुष्मान)।
*श्रीसंवत्*- 2081
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- दक्षिण में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना राई खाकर जाएं)
*वार-* गुरुवार
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:37 से दोपहर 12:28 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- रात्रि 11:23 से देर-रात 12:53 तक।
*पंचक*- ………………..।
*भद्रा*- ………………….।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- …………।
*राहूवास*- दक्षिण में।
*चंद्रवास*- पूरब में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:40 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:17 पर होगा।
*शिववास*- सभा में (संताप)।
*व्रत एवं त्योहार*- वासंतीय नवरात्रि का तीसरा दिन एवं मत्स्य जयंती एवं गणगौर।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
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