*मास-* फाल्गुन मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- अमावस्या (दोपहर 02:46 तक, तत्पश्चात् प्रतिपदा)।
*नक्षत्र*- पूर्वाभाद्रपद (देर-रात 02:52 तक तत्पश्चात् उत्तराभाद्रपद)।
*राहूकाल*- दोपहर 04:38 से सायं 06:07 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।
*होमाहुति*- सूर्य।
*योग*- साध्य (दोपहर 04:31 बजे तक, तत्पश्चात् शुभ)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पश्चिम में (यात्रा जरूरी हो तो पान खाकर जाएं)
*वार-* रविवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:48 से दोपहर 12:35 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- रात्रि 06:55 से रात्रि 08:19 तक।
*पंचक*- सुबह 06:13 से 12 मार्च मंगलवार को रात्रि 11:51 तक।
*भद्रा*- ………………..।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………।
*मूल(सत्तइसा*- ……………।
*राहूवास*- उत्तर में।
*चंद्रवास*- पश्चिम में।
*सूर्योदय*- सुबह 06:13 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:03 पर होगा।
*शिववास*- गौरी के साथ (सुखप्रद)।
*व्रत एवं त्योहार*- अमावस्या और पंचक (पचखा)।
आज का छोटा उपाय
अपने पितृ के लिए एक घी का दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298