10 अप्रैल 2024 क्या कहता हैं आज का पंचांग क्या बोलते हैं नक्षत्र पढ़ें आचार्य पंकज शास्त्री के लेख दवा

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*(10 अप्रैल 2024) का पंचांग*-

*मास-* चैत्र मास।

*पक्ष*- कृष्ण शुक्ल।

*तिथि*- द्वितीया (रात 07:49 तक, तत्पश्चात् तृतीया)।

*नक्षत्र*- भरणी (सायं 05:34 तक तत्पश्चात् कृतिका)।

*राहूकाल*- दोपहर 12:03 से दोपहर 01:38 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)

*अग्नि वास*- पृथ्वी पर (हवन करना शुभ कारक है)।

*होमाहुति*- सूर्य।

*योग*- विष्कुंभ (दोपहर 12:16 बजे तक, तत्पश्चात् प्रीति)।

*श्रीसंवत्*- 2081

*संवत्सर*- पिंगल।

 *दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो दो दाना सूखी साबुत धनिया खाकर जाएं)

*वार-* बुधवार।

*अयन-* उत्तरायण।

*अभिजित शुभ मुहूर्त*- कोई नहीं ।

शुक्र पूरब में हैं।

*अमृत काल*- रात्रि 10:42 से देर-रात 12:10 तक।

*पंचक*- ………………..।

 *भद्रा*- ………………….।

*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।

*मूल(सत्तइसा*- सुबह 05:41 से सुबह 06:35 तक।

*मूल का वास*- पृथ्वी पर।(अशुभ)

 *राहूवास*- दक्षिण-पश्चिम में।

*चंद्रवास*- पूरब में।

*सूर्योदय*- सुबह 05:41 पर।

*सूर्यास्त*- सायं 06:17 पर होगा।

*शिववास*- गौरी के साथ (सुखप्रद)।

*व्रत एवं त्योहार*- वासंतीय नवरात्रि का दूसरा दिन।

*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)

      *भागवत कथा प्रवक्ता*

        *अयोध्या धाम* दवाइयां

9792366298

6391222903

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