*(01 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण पक्ष।
*तिथि*- सप्तमी (दोपहर 04:49 तक, तत्पश्चात् अष्टमी)।
*नक्षत्र*- मूल (रात्रि 07:08 तक तत्पश्चात् पूर्वाषाढ़ा)।
*राहूकाल*- सुबह 07:25 से सुबह 08:58 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- स्वर्ग में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- गुरु।
*योग*- वरीयान (दोपहर 04:42 बजे तक, तत्पश्चात् परिघ)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- पूरब में (यात्रा जरूरी हो तो शीशा देखकर जाएं)
*वार-* सोमवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:410 से दोपहर 12:30 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- दोपहर 04:44 से सायं 06:21 तक।
*पंचक*- …………………..।
*भद्रा*- …………………।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- ………..।
*मूल(सत्तइसा*- सुबह 05:51 से रात्रि 07:08 तक।
*मूल का वास*- पृथ्वी पर।
*राहूवास*- उत्तर-पश्चिम में।
*चंद्रवास*- पूरब में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:51 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:13 पर होगा।
*शिववास*- श्मशान में (मृत्यु तुल्य)।
*व्रत एवं त्योहार*- शीतला सप्तमी