उठा सिस्टम पर सवाल पीड़ित हरीश चंद्र पांडे ने उठाया सिस्टम पर सवाल ,कहां मेरे दो बच्चे को कुपोषण के शिकार से मर गए, और तीसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है ,लेकिन सरकार की कोई योजनाओं का लाभ मुझे नहीं मिल पा रहा है,
जहां उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार बार-बार दावा करती है साथ ही सरकार की योजनाएं का लाभ सीधे जनता को मिल रहा है ,यह दावा करती है कहीं ना कहीं सरकार का दावा कागजो में रहकर सिमट कर रह गया ,वही बस्ती जिले में एक गरीब परिवार के 3 बच्चे और पत्नी कुपोषण के शिकार हो गए जिसमें से 2 बच्चे और पत्नी कुपोषण के शिकार से मृत्यु हो गई , लगभग 7 साल की बच्ची को गोद में लिए अधिकारियों के चौखट पर माथा टेक रहा है जिले के आला अधिकारी से लेकर को शिकायती पत्र दिया कि मेरे बच्चे का कुपोषण है उसकी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल जाए जिससे मेरा बच्चा सही इलाज हो जाए, लेकिन उसकी फरियाद सिर्फ अनसुनी कर दिया गया ।
वहीं सरकार दावा करती है कि कुपोषण बच्चों की जिले में कितने हैं उसका सर्वे किया जाता है और हर समीक्षा भी जिले के उच्च अधिकारियों द्वारा किया जाता है, पीड़ित बच्चों को चिन्हित कर उनके इलाज और उन्हें खाने पीने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं सरकार द्वारा, ।
बस्ती जिले के हरैया तहसील के ओझा गंज गांव के रहने वाले पीड़ित हरिश्चंद्र पांडेय आरोप लगाते हुए सरकार के पूरे सिस्टम पर सवाल उठाया है कि 2 साल से दौड़ रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, ना ही सरकार की योजनाएं मुझे लाभ मिल रही है ,यहां तक तत्कालीन उप जिलाधिकारी हरैया व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने मेरी समस्याओं को देखते हुए, मुझे रहने के लिए और खेती करने के लिए जमीन का पट्टा करने का आदेश दिए थे, लेकिन ग्राम प्रधान ने आज तक प्रस्ताव बनाकर नहीं दिया जिसे मुझे पट्टा नहीं हो पाया, मैं काफी परेशान हूं मैं इस बच्ची को लेकर दौड़ रहा हूं ,अधिकारियों के कार्यालयों पर अपनी फरियाद की गुहार लगाई, अब सबसे बड़ा सवाल सामने उठकर यह आ रहा है कि जब कुपोषित बच्चों का हर माह समीक्षा मीटिंग होती है ,तो कैसे इस बच्चे का आज तक ना तो इलाज हुआ ना ही कोई सरकारी लाभ मिला, वही पीड़ित ने बताया कि सिर्फ मुझे राशन कार्ड बनवा दिया गया है ,बाकी सरकार की कोई लाभ योजनाएं मुझे नहीं मिल रही हैं वही इस संबंध में जिला अधिकारी बस्ती प्रियंका निरंजन से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम जांच कराकर तब इस मुद्दे पर बाइट देंगे जांच रिपोर्ट आने पर।
वीओ – कहीं ना कहीं सरकार की सुविधाएं उन्हीं के अधिकारियों की लापरवाही से जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा ,जबकि इस कुपोषित बच्चे को खाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं और कुपोषण से बचने के लिए दवाएं सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों सहित इन संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।
निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन ना तो इस पीड़ित व्यक्ति को अपने बच्चे को बचाने के लिए सरकार द्वारा दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, ना ही खाने के लिए कोई सामान, ऐसे में कहीं ना कहीं सरकार की छवि जनता के बीच में उन्हीं के अधिकारी खराब कर रहे हैं,
बाइट – पंडित हरीश चंद्र पांडेय
विजुअल — जिला अधिकारी कार्यालय पर पहुंचा पीड़ित बच्ची के साथ कुपोषण से पीड़ित बच्ची