सरयू में डूबने की घटनाओं को रोकने की बनी योजना
अयोध्या । सांसद लल्लू सिंह, जिलाधिकारी नितीश कुमार एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में जनपद में डूबने की घटनाओं की रोकथाम, बचाव के लिए कार्ययोजना की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी। जिलाधिकारी ने बताया कि अयोध्या में नयाघाट, राम की पैड़ी व गुप्तारघाट में डूबने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए बेहतर प्लान बनाया जा रहा है। बैठक में सांसद एवं द्वय अधिकारियों ने यूनीसेफ के अधिकारियों के साथ बेहतर प्लान के लिए गहनता से मंथन किया। जिलाधिकारी ने कहा कि यूनीसेफ के सहयोग से स्थलीय निरीक्षण करके बेहतर प्रस्ताव बनाया जायेगा।
सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि पौराणिक कथानकों में सरयू नदी में स्नान के महत्व का काफी प्रमुखता से वर्णन किया गया है। सरयू में स्नान करने से सभी तीर्थ में स्नान का पुण्य मिलता है। धार्मिक आयोजनों, विशेष पर्वो में लाखों की संख्या में श्रद्धालु सरयू में आस्था की डुबकी लगाते है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने हजारों श्रद्धालु रोजाना सरयू में स्नान करके पुण्य कमाते है। सरयू नया घाट, राम की पैड़ी व गुप्तारघाट को सरकार ने पयर्टन स्थल के रुप में विकसित किया है। सरयू तट पर स्थित घाटों जिसमें गुप्तारघाट भी शामिल है। सरकार ने इसका पयर्टन की दृष्टि से पुर्ननिर्माण व सौन्दर्यीकरण किया है। इसके साथ राम की पैड़ी में अविरल जल प्रवाह सरकार की बड़ी उपलब्धियों में एक है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सरयू नदी में नया घाट, गुप्तारघाट व रामकी पैड़ी में श्रद्धालुओं के डूबने की समस्या को काफी गम्भीरता से लिया जा रहा है। इसको लेकर अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त के साथ लखनऊ में काफी गहनता के साथ विचार-विर्मश किया गया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं व पयर्टकों को सुरक्षित स्नान कराना हमारी प्राथमिकता है। जिसको लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन व यूनीसेफ के अधिकारियों के साथ विस्तार से वार्ता की गयी। यहां डूबने से होने की मौतो को रोकने के लिए जिला प्रशासन व यूनीसेफ के अधिकारी मौके पर जाकर एक बेहतर प्रस्ताव बनायेंगे। इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जायेगा। शासन से प्रस्ताव पर शीघ्र स्वीकृति प्रदान करवाके इस पर कार्यवाही प्रारम्भ करायी जायेगी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री महेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी व यूनीसेफ के अधिकारियों में डिजास्टर रिस्क स्ड्यूशन कनसनटेन्ट उर्वशी चन्द्रा, अंकिता पधालनी, अर्चना बिसोई उपस्थित रहे।